Paryavaran: civil seva prarambhik evam mukhya pariksha hetu

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    यह पुस्तक पर्यावरण के विविध पहलुओं पर एक सटीक एवं ठोस दृष्टिकोण प्रदान करता है ,जो सिविल सेवा परीक्षा तथा यूपीएससी के दिशा निर्देश पर आधारित है। इसकी प्रासंगिकता का दायरा काफी वृहद् है ,जो पर्यावरण में अहम बदलाव तथा इसके प्रमुख घटकों यथा पारिस्थितिकी , जैव विविधता , आपदा प्रबंधन इत्यादि मुद्दों पर गहन शोध के निष्कर्ष को समाहित करता है। प्राकृतिक आपदाएं एवं आपदा प्रबंधन इस पुस्तक के महत्वपूर्ण आकर्षण हैं। प्रमुख आकर्षण:1. पुस्तक में संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं के अद्यतन पाठ्यक्रमों को पूरी तरह समायोजित करने का प्रयास 2. अध्ययन सामग्री के निर्माण में एनसीईआरटी , एनआईओएस, इग्नू तथा अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के महत्वपूर्ण स्रोतों का उपयोग 3. प्रत्येक अध्याय में परंपरागत तथ्यों के साथ -साथ अद्यतन सामग्री का निश्चित रूप से समावेश 4. विविध सरकारी कार्यकर्मों ,नीतियों एवं आगामी योजनाओं का सारगर्भित एवं विश्लेषणात्मक विवेचन 5. प्रत्येक अध्याय के अंत में विगत वर्षों में पूछे गए प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के प्रश्नों एवं मॉडल प्रश्नों का समावेश 6. पर्यावरण पर सामान्य मुद्दे : इस क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान7. पारिस्थितिकी और उसके यौगिक घटकों में परस्पर निर्भरता 8. पारिस्थितिकीय तंत्र के घटक अंगों में ऊर्जा का प्रवाह तथा निरंतर बदलते जैविक एवं अजैविक समीकरणों की भूमिका 9. जैव विविधता एवं प्रदूषण पर पूर्व एवं हाल हीं की अद्यतन घटनाओं के आधार पर विश्लेषणात्मक विवेचन 10. प्राकृतिक विपदाएं एवं आपदा प्रबंधन पर शोधित विकास कार्यों का आंकड़ों सहित समायोजन11. पर्यावरण प्रभाव अवलोकन एवं इसके दूरगामी प्रभाव तथा साथ हीं साथ इनके नैतिक एवं क़ानूनी आयाम 12. जलवायु परिवर्तन पर शोधित अध्ययन सामग्री 13. सतत प्रबंधन एवं सतत विकास और इसके महत्वपूर्ण आयाम14. सरल ,रोचक ,स्पष्ट एवं प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग

    Writer Name
    D.R. Khullar (Author), J A C S Rao (Author)
    Type:
    IAS and PCS
    Language
    hindi
    Book Cover
    Paperback`

    यह पुस्तक पर्यावरण के विविध पहलुओं पर एक सटीक एवं ठोस दृष्टिकोण प्रदान करता है ,जो सिविल सेवा परीक्षा तथा यूपीएससी के दिशा निर्देश पर आधारित है। इसकी प्रासंगिकता का दायरा काफी वृहद् है ,जो पर्यावरण में अहम बदलाव तथा इसके प्रमुख घटकों यथा पारिस्थितिकी , जैव विविधता , आपदा प्रबंधन इत्यादि मुद्दों पर गहन शोध के निष्कर्ष को समाहित करता है। प्राकृतिक आपदाएं एवं आपदा प्रबंधन इस पुस्तक के महत्वपूर्ण आकर्षण हैं। प्रमुख आकर्षण:1. पुस्तक में संघ एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की प्रारंभिक और मुख्य परीक्षाओं के अद्यतन पाठ्यक्रमों को पूरी तरह समायोजित करने का प्रयास 2. अध्ययन सामग्री के निर्माण में एनसीईआरटी , एनआईओएस, इग्नू तथा अन्य राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के महत्वपूर्ण स्रोतों का उपयोग 3. प्रत्येक अध्याय में परंपरागत तथ्यों के साथ -साथ अद्यतन सामग्री का निश्चित रूप से समावेश 4. विविध सरकारी कार्यकर्मों ,नीतियों एवं आगामी योजनाओं का सारगर्भित एवं विश्लेषणात्मक विवेचन 5. प्रत्येक अध्याय के अंत में विगत वर्षों में पूछे गए प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं के प्रश्नों एवं मॉडल प्रश्नों का समावेश 6. पर्यावरण पर सामान्य मुद्दे : इस क्षेत्र के ज्वलंत मुद्दों पर विशेष रूप से ध्यान7. पारिस्थितिकी और उसके यौगिक घटकों में परस्पर निर्भरता 8. पारिस्थितिकीय तंत्र के घटक अंगों में ऊर्जा का प्रवाह तथा निरंतर बदलते जैविक एवं अजैविक समीकरणों की भूमिका 9. जैव विविधता एवं प्रदूषण पर पूर्व एवं हाल हीं की अद्यतन घटनाओं के आधार पर विश्लेषणात्मक विवेचन 10. प्राकृतिक विपदाएं एवं आपदा प्रबंधन पर शोधित विकास कार्यों का आंकड़ों सहित समायोजन11. पर्यावरण प्रभाव अवलोकन एवं इसके दूरगामी प्रभाव तथा साथ हीं साथ इनके नैतिक एवं क़ानूनी आयाम 12. जलवायु परिवर्तन पर शोधित अध्ययन सामग्री 13. सतत प्रबंधन एवं सतत विकास और इसके महत्वपूर्ण आयाम14. सरल ,रोचक ,स्पष्ट एवं प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग

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