Manasik rog : karan aur bachav
मानसिक रोग: कारण और बचाव हमारे शरीर से कहीं अधिक जटिल हमारा मन है। शायद यही कारण है कि हम मन को समझने में अकसर भूल करते हैं। हम शरीर दर्द को तो आसानी से समझ लेते हैं और उसका त्वरित उपचार भी शुरू कर देते हैं, लेकिन मन के दर्द को नजरअंदाज करते हैं और जब तक मन की कराह को हम महसूस करते हैं तब तक काफी देर हो चुकी होती है। आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में मन को समझने का समय भी हममें से अधिकांश के पास नहीं होता। आज की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा और व्यस्त दिनचर्या में भावनाओं तथा संवेदनाओं को समझने एवं सम्मान देने की कौन सोचता है! मन की बीमारियों के बढ़ने का यह प्रमुख कारण है। वर्तमान समय में समाज एवं परिवार के ताने-बाने में आए बदलावों के कारण व्यक्ति अनेक समस्याओं एवं संकटों का सामना करने के लिए अकेला पड़ गया है, क्योंकि सामूहिक एवं सामाजिक सहयोग की वह व्यवस्था आज जर्जर हो गई है, जो पहले कभी सबल थी। समस्याएँ पहले भी थीं, लेकिन उन समस्याओं का सामना करने में हर व्यक्ति को समाज से सहयोग मिलता था। ऐसे में आज तनाव, डिप्रेशन, एंग्जाइटी, स्किजोफ्रेनिया आदि मानसिक बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। इनसे निबटने के लिए मनोचिकित्सा की बेहतर एवं व्यापक सुविधाओं के साथ-साथ लोगों को जागरूक बनाने की भी जरूरत है।.