Management guru kabir (मैनेजमेंट गुरु कबीर)

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    कबीर एक ऐसा नाम है जिसे उच्चारित करते ही व्यक्ति की आँखों के समक्ष समस्त बंधनों से मुक्त, सभी भेदभावों से परे और सम्पूर्ण दोषों का दमन कर चुके एक ऐसे संत, भक्त, चिन्तक, विचारक और समाज सुधारक की छवि उभर आती है जो निर्विवाद रूप से ज्ञान और भक्ति का एक सर्वकालिक प्रतिनिधि है। एक व्यक्ति जो अपने आलोचकों को आदरपूर्वक अपने घर आमंत्रित करता हो और जिसने ढाई अक्षर के माध्यम से भक्ति के ज्ञानमार्ग को प्रशस्त किया हो, उसके व्यक्तित्व की विराटता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इस पुस्तक के सृजन का उद्देश्य कबीर के विचारों और उपदेशों के माध्यम से व्यक्ति के सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन तथा कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रबंधन गुणों को विश्लेषित करने और समझने का प्रयत्न करना है। कबीर इतने विराट थे कि किसी एक अकेली पुस्तक में नहीं समा सकते। अब तक कितनी ही पुस्तकें उन पर लिखी जा चुकी हैं। मात्र उनके आराध्य 'निर्गुण राम' की ही यदि कबीर की दृष्टि से व्याख्या की जाए तो एक बृहद ग्रन्थ बन जाएगा। फिर भी इस पुस्तक में कबीर के जीवन और उनके विचारों का विस्तृत रेखांकन देखने को अवश्य मिलेगा।

    Writer Name
    by Pratap Narayan Singh (Author)
    Type:
    Self Help
    Language
    Hindi
    Book Cover
    Paperback

    कबीर एक ऐसा नाम है जिसे उच्चारित करते ही व्यक्ति की आँखों के समक्ष समस्त बंधनों से मुक्त, सभी भेदभावों से परे और सम्पूर्ण दोषों का दमन कर चुके एक ऐसे संत, भक्त, चिन्तक, विचारक और समाज सुधारक की छवि उभर आती है जो निर्विवाद रूप से ज्ञान और भक्ति का एक सर्वकालिक प्रतिनिधि है। एक व्यक्ति जो अपने आलोचकों को आदरपूर्वक अपने घर आमंत्रित करता हो और जिसने ढाई अक्षर के माध्यम से भक्ति के ज्ञानमार्ग को प्रशस्त किया हो, उसके व्यक्तित्व की विराटता का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। इस पुस्तक के सृजन का उद्देश्य कबीर के विचारों और उपदेशों के माध्यम से व्यक्ति के सामाजिक व व्यक्तिगत जीवन तथा कार्यक्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रबंधन गुणों को विश्लेषित करने और समझने का प्रयत्न करना है। कबीर इतने विराट थे कि किसी एक अकेली पुस्तक में नहीं समा सकते। अब तक कितनी ही पुस्तकें उन पर लिखी जा चुकी हैं। मात्र उनके आराध्य 'निर्गुण राम' की ही यदि कबीर की दृष्टि से व्याख्या की जाए तो एक बृहद ग्रन्थ बन जाएगा। फिर भी इस पुस्तक में कबीर के जीवन और उनके विचारों का विस्तृत रेखांकन देखने को अवश्य मिलेगा।

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