Bharat ka bhugol: civil seva/rajya seva ki prarambhik evam mukhya pariksha (hindi)

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    जब हम इस पुस्तक के नामकरण को देखते हुए उसका सूक्ष्म अध्ययन करने की कोशिश करते हैं,तो पाते हैं कि इसमें अपने देश भारत के भौगोलिक परिदृश्य में समाहित उन समस्त पहलुओं की विश्लेषणात्मक रूप से चर्चा की गयी है जिन्हें सिविल सेवा एवं हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के अद्यतन सिलेबस में पूर्णतया स्थान दिया गया है।इसके प्रत्येक अध्याय में निहित विषय वस्तु को और अधिक पठनीय एवं ग्राह्य बनाने हेतु यथासम्भव मानचित्रों / चार्टों /तालिकाओं का उपयोग किया गया है ताकि अभ्यर्थियों / पाठकों को इस विषय को पढ़ने में आनंद की अनुभूति हो,क्योंकि मानचित्र भूगोल की आत्मा होती है तथा इसके बिना कोई भी भौगोलिक अध्ययन अधूरा है। इसके अतिरिक्त इस पुस्तक को और अधिक परीक्षोपयोगी बनाने हेतु इसके प्रत्येक अध्याय में संबंधित परीक्षाओं के पूर्व वर्षों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को तथ्यों के रूप में समावेशित किया गया है, जो अभ्यर्थियों के लिए गागर में सागर की तरह कार्य करते हुए एक अच्छे मार्गदर्शक की भूमिका में उस एक सफल पथिक की तरह कार्य करना चाहेगा,जो अपने परिश्रम से कभी थकता नहीं।प्रमुख आकर्षण:1. प्रस्तुत शीर्षक का संक्षिप्त एवं सारगर्भित रूप में प्रस्तुतीकरण ताकि पाठकों को उपयुक्त विषय की आधारभूत विषय वस्तु के साथ हीं नई परिकल्पनाओं एवं शोधपूर्ण सामग्रियों से परिचित कराया जाये2. प्रत्येक अध्याय का विश्लेषणात्मक विवेचन जिसमें सिविल सेवा के अतिरिक्त विभिन्न हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की परीक्षाओं के सामान्य अध्ययन ( प्रारंभिक एवं मुख्य ) के अद्यतन सिलेबस का बखूबी ध्यान3. प्रत्येक अध्याय में निहित मूल तथ्यों को अद्यतन आंकड़ों /तथ्यों से नवीन बनाये जाने का प्रयास ताकि इसकी प्रमाणिकता बरकरार रहे4. प्रत्येक अध्याय में निहित महत्वपूर्ण तथ्यों को यथासंभव चार्टों, तालिकाओं,रेखाचित्रों एवं मानचित्रों से समझाए जाने का प्रयास ताकि अभ्यर्थियों को इसे समझने में आसानी का अनुभव हो सके5. पूर्व वर्षों में पूछे गए सिविल सेवा के प्रश्नों को विश्लेषणात्मक विवेचन के साथ शामिल करने का पूरा प्रयास6. प्रस्तुत पुस्तक में संबंधित विषय की विषय वस्तु एवं उचित शब्दावलिओं को ध्यान में रखते हुए सरल,रोचक,स्पष्ट एवं प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग|

    Writer Name
    Majid Hussain (Author)
    Type:
    IAS and PCS
    Language
    hindi
    Book Cover
    Paperback

    जब हम इस पुस्तक के नामकरण को देखते हुए उसका सूक्ष्म अध्ययन करने की कोशिश करते हैं,तो पाते हैं कि इसमें अपने देश भारत के भौगोलिक परिदृश्य में समाहित उन समस्त पहलुओं की विश्लेषणात्मक रूप से चर्चा की गयी है जिन्हें सिविल सेवा एवं हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षाओं में सामान्य अध्ययन के अद्यतन सिलेबस में पूर्णतया स्थान दिया गया है।इसके प्रत्येक अध्याय में निहित विषय वस्तु को और अधिक पठनीय एवं ग्राह्य बनाने हेतु यथासम्भव मानचित्रों / चार्टों /तालिकाओं का उपयोग किया गया है ताकि अभ्यर्थियों / पाठकों को इस विषय को पढ़ने में आनंद की अनुभूति हो,क्योंकि मानचित्र भूगोल की आत्मा होती है तथा इसके बिना कोई भी भौगोलिक अध्ययन अधूरा है। इसके अतिरिक्त इस पुस्तक को और अधिक परीक्षोपयोगी बनाने हेतु इसके प्रत्येक अध्याय में संबंधित परीक्षाओं के पूर्व वर्षों के वस्तुनिष्ठ प्रश्नों को तथ्यों के रूप में समावेशित किया गया है, जो अभ्यर्थियों के लिए गागर में सागर की तरह कार्य करते हुए एक अच्छे मार्गदर्शक की भूमिका में उस एक सफल पथिक की तरह कार्य करना चाहेगा,जो अपने परिश्रम से कभी थकता नहीं।प्रमुख आकर्षण:1. प्रस्तुत शीर्षक का संक्षिप्त एवं सारगर्भित रूप में प्रस्तुतीकरण ताकि पाठकों को उपयुक्त विषय की आधारभूत विषय वस्तु के साथ हीं नई परिकल्पनाओं एवं शोधपूर्ण सामग्रियों से परिचित कराया जाये2. प्रत्येक अध्याय का विश्लेषणात्मक विवेचन जिसमें सिविल सेवा के अतिरिक्त विभिन्न हिंदी भाषी राज्यों के राज्य सेवा की परीक्षाओं के सामान्य अध्ययन ( प्रारंभिक एवं मुख्य ) के अद्यतन सिलेबस का बखूबी ध्यान3. प्रत्येक अध्याय में निहित मूल तथ्यों को अद्यतन आंकड़ों /तथ्यों से नवीन बनाये जाने का प्रयास ताकि इसकी प्रमाणिकता बरकरार रहे4. प्रत्येक अध्याय में निहित महत्वपूर्ण तथ्यों को यथासंभव चार्टों, तालिकाओं,रेखाचित्रों एवं मानचित्रों से समझाए जाने का प्रयास ताकि अभ्यर्थियों को इसे समझने में आसानी का अनुभव हो सके5. पूर्व वर्षों में पूछे गए सिविल सेवा के प्रश्नों को विश्लेषणात्मक विवेचन के साथ शामिल करने का पूरा प्रयास6. प्रस्तुत पुस्तक में संबंधित विषय की विषय वस्तु एवं उचित शब्दावलिओं को ध्यान में रखते हुए सरल,रोचक,स्पष्ट एवं प्रवाहमयी भाषा का प्रयोग|

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